You Are the Placebo: Making Your Mind Matter(hindi)
You Are the Placebo: Making Your Mind Matter(hindi)
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क्या दवाओं या सर्जरी के बिना सिर्फ विचार से ही ठीक होना संभव है? 'यू आर द प्लेसबो' पुस्तक में डॉ. जो डिस्पेंजा ने ऐसे कई प्रलेखित मामले साझा किए हैं, जिन्होंने प्लेसबो पर विश्वास करके कैंसर, हृदय रोग, अवसाद, अपंग, गठिया, यहाँ तक कि पार्किंसंस रोग को भी ठीक किया। इसी तरह डॉ. जो बताते हैं कि कैसे दूसरे लोग बीमार हुए या किसी जादू-टोने के अभिशाप के शिकार होकर, या घातक बीमारी का गलत निदान होने के बाद मर गए। विश्वास इतना मजबूत हो सकता है कि दवा कंपनियाँ नई दवाओं का मूल्यांकन करते समय शरीर पर मन की शक्ति को बाहर करने के लिए डबल-ट्रिपल-ब्लाइंड रैंडमाइज्ड अध्ययनों का उपयोग करती हैं।
डॉ. जो प्लेसबो प्रभाव के इतिहास और शरीर विज्ञान का पता लगाने से कहीं ज्यादा करते हैं। वह सवाल पूछते हैं- 'क्या प्लेसबो के सिद्धांतों को सिखाना संभव है और किसी बाहरी पदार्थ पर निर्भर हुए बिना किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और अंततः उसके जीवन में वही आंतरिक परिवर्तन उत्पन्न करना संभव है?' पुस्तक उन विश्वासों और धारणाओं को बदलने के लिए 'हो टू' ध्यान के साथ समाप्त होती है, जो हमें पीछे रखती हैं- उपचार में पहला कदम।
'यू आर द प्लेसबो' पुस्तक प्लेसबो प्रभाव के कामकाज को उजागर करने के लिए तंत्रिका विज्ञान, जैविक मनोविज्ञान, सम्मोहन, व्यावहारिक कंडीशनिंग और क्वांटम भौतिकी में नवीनतम शोध को जोड़ती है और दिखाती है कि कैसे असंभव प्रतीत होने वाला संभव हो जाता है।
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