Surbhi Suman (Hindi)
Surbhi Suman (Hindi)
Couldn't load pickup availability
"कुछ इस तरह से ज़िन्दगी को मैंने आसां कर लिया किसी से माफ़ी मांग ली, किसी को माफ़ कर दिया।"
मुझे प्रसन्नता है कि श्री अशोक साहनी ने अपनी निष्ठा और परिश्रम के आधार पर सुरभि सुमन शीर्षक से एक संकलन तैयार किया है जिसमें उन्होंने उर्दू भाषा के लगभग सभी उत्कृष्ट शायरों की शायरी का देवनागरी लिपी में प्रकाशन किया है। उन्होंने उर्दू के कठिन शब्दों के हिन्दी मायने भी दिये हैं। श्री साहनी के इस साहित्यिक अनुष्ठान से जहाँ एक ओर हिन्दी-भाषियों को उर्दू शायरी पढ़ने का अवसर उपलब्ध हुआ है, वहीं दूसरी ओर उनका यह प्रयास हमारी गंगा-जमुनी संस्कृति को सुदृढ़ बनाने में योगदान देगा। मैं इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए उन्हें साधुवाद देता हूँ और आशा करता हूँ कि वे दीर्घकाल तक इसी प्रकार साहित्य की सेवा करते रहेंगे।
- भैरों सिंह शेखावत पूर्व उप-राष्ट्रपति
मेरा मानना है कि तीन-चार सौ वर्षों के अश्आर का इन्तिखाब और ऐसा खूबसूरत संकलन तैयार करना कोई मामूली बात नहीं! बेशक सुरभि सुमन (खुशबू-ए-चमन), रंग-ए-चमन, हुस्न-ए-चमन, शान-ए-चमन और जान-ए-चमन है। मुझे यक़ीन है कि दुनिया अशोक साहनी के इस कारनामे को हमेशा याद रखेगी।
- डॉ. बशीर बद्र पद्मश्री प्राप्त उर्दू शायर
एक उद्योगपति और बेहद व्यस्त व्यक्ति होने के बावजूद श्री अशोक साहनी ने इस सुन्दर किताब को तैयार करने का समय निकाल ही लिया। यह संकलन समाज के लिए उपयोगी साबित होगा, क्योंकि गैर उर्दू भाषी भी इनका आनंद ले सकेंगे। अशोक जी बड़े खूबसूरत अंदाज़ में उर्दू शायरी पढ़कर भी सुनाते हैं।
- जोगिन्दर सिंह पूर्व निदेशक, सी.बी.आई.
Share

