Skip to product information
1 of 2

Kavita Jha Rayata Fail Gaya (Paperback, Kavita Jha) Hindi Edition

Kavita Jha Rayata Fail Gaya (Paperback, Kavita Jha) Hindi Edition

Regular price Rs. 120.00
Regular price Rs. 150.00 Sale price Rs. 120.00
Sale Sold out

उपन्यास के मुख्य पात्र की पुलिस की लापरवाही से मौत हो जाती है। दोष छुपाने के लिए पुलिस उसे आतंकवादी बता एनकाउंटर में मार गिराने का दावा करती है। समाचार जगत यानी मीडिया बिना जाँच किए, आधारहीन तथ्यों के आधार पर उसे आतंकवादी बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ती है। पुलिस और मीडिया उसे आतंकवादी बना देते हैं। जहाँ पुलिस यह गुनाह अपनी गर्दन बचाने के लिए करती है तो मीडिया टीआरपी की होड़ में आगे निकलने के लिए नैतिकता और सच्चाई को पीछे छोड़ एक नए सच को जन्म देता है। एक घातक सच को, कहानी के अंत में मृतक को इंसाफ मिलता है, दोषियों को सजा मिलती है पर मीडिया... मीडिया अब मृतक के लिए आँसू बहाता है। अब उसे पाक-साफ बताता है जिसे खुद उसी ने आतंकवादी बनाया था। वर्तमान समय में मीडिया खबरें दिखाने की जगह खबरें बनाने में जुटा हुआ है जो चिंता का विषय है। मृतक की बहन सवाल करती है कि उसके भाई के दो गुनहगार थे। एक को तो सजा मिली पर दूसरे को कब सजा मिलेगी? सरकारों और मीडिया के बीच एक अघोषित सत्ता-संघर्ष छिड़ा हुआ है, उसकी झलक भी कहानी में मिलेगी। मृतक को मुर्गा कहकर क्यों संबोधित किया गया है, यह तो आपको कहानी पढ़ने के बाद ही पता चलेगा। कहानी काल्पनिक है, पर प्रासंगिक जान पड़ेगी। ‘रायता फैल गया’ एक व्यंग्यात्मक रचना है।.

View full details