Skip to product information
1 of 1

Jaana Jaruri Hai Kya - Hindi Poetry Book by Aishwarya Sharma

Jaana Jaruri Hai Kya - Hindi Poetry Book by Aishwarya Sharma

1 total reviews

Regular price Rs. 190.00
Regular price Rs. 225.00 Sale price Rs. 190.00
Sale Sold out

उतना कभी किसी को नहीं मिलता जितने की चाह होती है लेकिन उतना हर बार बच जाता है जितने के साथ जीवन जिया जा सके। जो बचा, जो जिया, जो जीना बाक़ी है, जिसमें प्रतीक्षा छिपी है, जहाँ प्रेम का वास है, जहाँ जीवन की हर भावना और विभिन्न पहलू शामिल हैं, जिस क्षण जीवन का अर्थ समझा, जहाँ ख़ुद को निरर्थक पाया और ना जाने ऐसी कितनी ही बातें जिनका जब निचोड़ निकाला गया तो बनी ना जाने कितनी ही कविताएँ। लगभग चार-पाँच बरस पहले अपने आप को अलग-अलग प्रवृत्ति की भावनाओं में जब जकड़ा हुआ पाया तब लिखना शुरू कर ख़ुद को भीतर से खाली करना शुरू कर दिया। जहाँ पहले मन में अलग-अलग तरह के विचारों का घेराव था। अब वहाँ वसन्त में खिले फूलों सी ऊर्जा का निवास है। कुछ समय पश्चात जब लिखने के साथ, आप सभी के साथ इसे बांटना शुरू किया तो जाना कि हम सबके सुख-दुःख, हीन-भावना, ईर्ष्या, प्रेमभाव आदि भावनाएँ लगभग एक जैसी ही होती हैं। बस इन तक पहुँचने का हमारा माध्यम अलग-अलग है। आप सभी ने जब मेरे लेखन को अपने दैनिक जीवन के उस एक क्षण में जगह दी और सराहा, तब मैंने जाना कि जो जैसा है उसे ठीक वैसा महसूस करना, ठीक-ठीक वैसा ही कह पाना दोनों अलग बातें हैं। किसी को ये कहने और दर्शाने का अवसर मिलता है तो किसी को इसे पढ़ने का। हमारे रहने के लिए जगह मिलना शायद आसान है, परन्तु हमारे जिये हुए के लिए जगह मिलना बहुत बड़ी बात है। मुझे अपनी भावनाओं को किताब की शक्ल देने का अवसर मिला है। लगभग दो बरस पहले ये सोचा नहीं था कि मेरे लिखे को डायरी, मोबाइल का नोटपैड,‌ सोशल मीडिया के अतिरिक्त भी कोई जगह मिलेगी। मुझे आज ये जगह मिल चुकी है। ये किताब उन सभी लोगों के दिलों तक पहुँचने का प्रयास है जिनके जीवन के किसी एक हिस्से में एक वस्तु, व्यक्ति, जगह आदि की प्रतीक्षा, घात लगाए बैठी रहती है। जहाँ उन्हें ज़रूरत है किसी के लौट आने की या ख़ुद कहीं तक पहुँच जाने की। अगर यह उनकी जीवनशैली के किसी रोज़, एक कोने में क्षण भर अपनी टेक लगा पाए या इन कविताओं की किसी एक पंक्ति में वे स्वयं को प्रतीक्षारत ढूँढ पाए तो मैं समझूँगी मेरा लेखन सदा के लिए सार्थक हो गया है। इसे लिखते हुए दिल की धड़कन तेज़ है, हाथ काँप रहे हैं। मन उत्सुकता से भरा है और चेहरे पर खुशी है। इस भावना को महसूस करते हुए अपना जिया हुआ, देखा हुआ, महसूस किया हुआ कविताओं के रूप में आप सबको सौंप रही हूँ। अंत में अपनी बात को विराम देने के साथ बस ये कहना चाहूँगी कि मंज़िल तक पहुँचने के लिए यात्रा की ओर पहला कदम हमें ही बढ़ाना होगा। ये किताब मेरा पहला कदम है। और यहाँ से मेरी यात्रा आरम्भ हो चुकी है।

View full details

Customer Reviews

Based on 1 review
100%
(1)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
G
Gaurav Singh
Chance to learn new to the society

It's very good and refreshing towards the mood

Customer Reviews

Based on 1 review
100%
(1)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
G
Gaurav Singh
Chance to learn new to the society

It's very good and refreshing towards the mood